Mutual fund investment trends: मई 2025 में निवेशकों ने कॉरपोरेट बॉन्ड म्यूचुअल फंड्स में रिकॉर्ड स्तर पर पैसा लगाया है। म्यूचुअल फंड उद्योग की संस्था एएमएफआई (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, यह निवेश मार्च 2023 के बाद से सबसे अधिक रहा है। केवल एक महीने में कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में 11,983 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। ये फंड्स मुख्य रूप से AA+ या उससे उच्च रेटिंग वाली कंपनियों के बॉन्ड में निवेश करते हैं जिनकी जोखिम दर कम होती है और रिटर्न स्थिर होते हैं।
एयूएम में भी जबरदस्त उछाल
एएमएफआई की रिपोर्ट बताती है कि मई 2025 में कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जनवरी 2025 से अब तक इसमें करीब 14.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह इशारा करता है कि निवेशकों का भरोसा इन फंड्स में लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्याज दरों में स्थिरता और कंपनियों की मजबूत रेटिंग्स के चलते इन फंड्स को बड़ी संख्या में निवेशक पसंद कर रहे हैं।
बढ़ी लिक्विडिटी बनी वजह
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल के महीनों में सिस्टम में नकदी बढ़ाने के कई प्रयास किए हैं। हाल ही में आरबीआई ने रेपो रेट को 0.5 प्रतिशत बढ़ाया है और कैश रिज़र्व रेश्यो यानी सीआरआर को 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है। इससे बैंकिंग सिस्टम में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी आई है। बैंक इस अतिरिक्त रकम को कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही रिटेल निवेशक भी अब फिक्स्ड डिपॉजिट की बजाय कॉरपोरेट बॉन्ड्स में ज्यादा रिटर्न के लिए रुख कर रहे हैं।
कर्ज फंड्स से निकासी लेकिन कॉरपोरेट बॉन्ड्स में विदेशी निवेश
हालांकि कॉरपोरेट बॉन्ड्स में जबरदस्त निवेश देखने को मिला है लेकिन पूरे डेट फंड श्रेणी से मई में 15,908 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। लिक्विड फंड्स से सबसे ज्यादा 40,205 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। इसके बाद ओवरनाइट फंड्स से 8,120 करोड़ रुपये और फ्लोटर फंड्स से 254 करोड़ रुपये की निकासी हुई। वहीं विदेशी निवेशकों का रुझान भी कॉरपोरेट बॉन्ड्स की ओर तेजी से बढ़ा है। मई 2025 में विदेशी निवेशकों ने 20,996 करोड़ रुपये भारत के कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट में लगाए जो कि पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक है। इसमें शापूरजी पल्लोनजी कंपनी द्वारा 3.35 बिलियन डॉलर की फंडरेज़िंग भी शामिल है। अप्रैल 2025 में जहां 8,879 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी वहीं मई में निवेशकों ने बड़ा भरोसा जताया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक कुल विदेशी निवेश 12,382 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वर्ष केवल 4,511 करोड़ रुपये था।
