Jyeshtha purnima 2025: साल 2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा का पर्व 11 जून को मनाया जाएगा। हालांकि पूर्णिमा तिथि 10 जून की शाम से ही शुरू हो जाएगी लेकिन उदयातिथि के अनुसार व्रत और पूजा का सबसे शुभ समय 11 जून रहेगा। इस दिन गंगा स्नान, दान और व्रत का विशेष महत्व होता है। साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा भी बेहद फलदायी मानी जाती है। यदि इस दिन आप कुछ खास जगहों पर दीपक जलाते हैं तो मां लक्ष्मी की विशेष कृपा आप पर बरस सकती है।
मुख्य द्वार पर दीप जलाएं, मां लक्ष्मी को करें आमंत्रित
हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवताओं का प्रवेश आपके घर के मुख्य द्वार से होता है। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात घर के मुख्य दरवाजे के दोनों ओर दीपक जलाना बेहद शुभ माना गया है। इससे मां लक्ष्मी आपके घर में प्रवेश करती हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। यह दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और दरिद्रता को दूर करते हैं।
उत्तर दिशा और तुलसी के पास दीपक देना होता है शुभ
धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर देवता की दिशा मानी जाती है उत्तर दिशा। इस दिशा में यदि पूर्णिमा की शाम एक दीपक जलाया जाए तो घर में पैसों की तंगी खत्म होती है। करियर में सफलता मिलती है और पारिवारिक जीवन में भी खुशहाली आती है। इसके अलावा तुलसी को भी मां लक्ष्मी का रूप माना गया है। यदि आप तुलसी के पास दीपक जलाते हैं तो मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं। इससे जीवन की कठिनाइयों का हल मिलने लगता है और घर में धन का भंडार भरता है।
नदी में दीपदान से मिलते हैं पितृों के आशीर्वाद
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन न सिर्फ घर में बल्कि नदी में दीप दान करने का भी विशेष महत्व है। यदि आप इस दिन किसी पवित्र नदी में जाकर दीपदान करते हैं तो देवताओं के साथ-साथ पितृगण भी प्रसन्न होते हैं। इससे पितृ दोष दूर होता है और घर में शांति बनी रहती है। नदी में दीप प्रवाहित करते समय आप अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। इससे आपको आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ मानसिक संतोष भी मिलेगा।
