Bengaluru Stadium Stampede: विजय उत्सव में मातम का मंजर, बेटे की कब्र पर बिलखते पिता की तस्वीर ने झकझोरा देश

Bengaluru Stadium Stampede: विजय उत्सव में मातम का मंजर, बेटे की कब्र पर बिलखते पिता की तस्वीर ने झकझोरा देश

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Bengaluru Stadium Stampede: बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून 2025 को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की IPL जीत का जश्न दुखद घटना में बदल गया। इस भीड़ के तूफान में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हादसा सभी के लिए दिल दहला देने वाला रहा। इस दर्दनाक घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें 21 साल के भुमिक लक्ष्मण के पिता बीटी लक्ष्मण बेटे की कब्र के पास आंसू बहाते दिख रहे हैं। इस वीडियो ने हर किसी को भावुक कर दिया है।

भुमिक के पिता का टूटता दिल

वीडियो में बीटी लक्ष्मण अपने बेटे के लिए गहरे दुख में नजर आ रहे हैं। वह कहते हैं, “मेरे बेटे के साथ जो कुछ भी हुआ, वह किसी और के साथ न हो। अब मैं कहीं नहीं जाना चाहता, बस यहीं उसके साथ रहना चाहता हूं।” उन्हें संभालने की कोशिश दो लोग कर रहे हैं, लेकिन वह कहते हैं, “कोई भी पिता ऐसा दिन नहीं देखना चाहता जो मैं देख रहा हूं।” उनकी आवाज़ और दर्द सबके दिल को छू जाता है। भुमिक की इस अचानक मौत ने पूरे परिवार और समाज को गहरा सदमा दिया है।

भुमिक था इंजीनियरिंग का छात्र

भुमिक लक्ष्मण 21 साल के अंतिम वर्ष के इंजीनियरिंग छात्र थे। वह अपने दोस्तों के साथ स्टेडियम के बाहर जश्न मनाने आए थे। लेकिन भीड़ अचानक नियंत्रण से बाहर हो गई और इसी दौरान भुमिक समेत कई लोगों की जान चली गई। इस हादसे में एक 14 साल की लड़की भी शामिल है जो अपनी जवानी में ही इस दुनिया को छोड़ गई। कुल मिलाकर 11 लोगों की मौत और 47 से ज्यादा घायल हुए हैं। यह हादसा आयोजकों और प्रशासन की बड़ी लापरवाही को भी उजागर करता है।

प्रशासनिक चूक पर उठे सवाल

इस घटना के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि RCB ने अपनी जीत के जश्न को बहुत जल्दबाजी में आयोजित किया, जबकि पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से तैयार नहीं थे। स्टेडियम के अंदर तो जश्न चल रहा था, लेकिन बाहर जनता की भारी भीड़ ने स्थिति को और खराब कर दिया। भीड़ पर नियंत्रण न होने की वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ। कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए 10 जून तक घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है। इसी बीच BCCI ने इस पूरे विवाद से दूरी बना ली है। अब प्रशासन और पुलिस पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

यह हादसा न केवल एक बड़ी त्रासदी है बल्कि यह भी बताता है कि खेल और जश्न के नाम पर सुरक्षा को कितना गंभीरता से लेना चाहिए। भुमिक जैसे नौजवानों की जान चली जाना हम सभी के लिए एक बड़ी चेतावनी है।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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