Russia Ukraine War: यूक्रेन ने रूस की घुसपैठ को दी मुंहतोड़ जवाब, रूस की शक्ति प्रदर्शन की तैयारी

Russia Ukraine War: यूक्रेन ने रूस की घुसपैठ को दी मुंहतोड़ जवाब, रूस की शक्ति प्रदर्शन की तैयारी

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Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध में हाल ही में यूक्रेन ने रूस पर एक बेहद बड़ा हमला किया है। यूक्रेन के ड्रोन ने रूस के 5 एयरबेसों को निशाना बनाया और करीब 4000 किलोमीटर दूर तक अंदर घुसकर हमला किया। इस हमले से रूस के राष्ट्रपति पुतिन काफी परेशान और गुस्से में हैं। अब रूस एक विनाशकारी जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। रूस के पास कई शक्तिशाली और घातक मिसाइलें हैं, जो न केवल किसी शहर बल्कि पूरी दुनिया को हिला सकती हैं। इनमें रूस की “RS-28 सारमत” और “सैटन-2” मिसाइलें शामिल हैं, जिन्हें दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में गिना जाता है।

रूस की सैटन-2 मिसाइल का खौफनाक नाम और ताकत

पश्चिमी देशों ने रूस की इस मिसाइल को ‘सैटन-2’ का नाम दिया है, क्योंकि यह बेहद घातक और विनाशकारी है। यह एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जो एक साथ 15 से 16 परमाणु वारहेड ले जा सकती है। इसे दुनिया में विनाश का दूसरा नाम माना जाता है। हाल ही में रूस ने इस सैटन-2 मिसाइल को अपग्रेड करके इसका रेंज 13 हजार किलोमीटर से बढ़ाकर 16 हजार किलोमीटर कर दिया है। इसे अब “RS-28 सारमत” के नाम से जाना जाता है। इस मिसाइल की ताकत से पूरी दुनिया में खौफ फैला हुआ है और इसे विश्व विनाश की मिसाइल भी कहा जाता है।

रूस की परमाणु मिसाइलों से खतरा बढ़ा

RS-28 सारमत और सैटन-2 मिसाइलें रूस की सबसे खतरनाक और शक्तिशाली मिसाइलें हैं। ये मिसाइलें एक साथ कई शहरों को राख के ढेर में बदल सकती हैं और उनकी मौजूदगी को मिटा सकती हैं। यूक्रेन के ड्रोन हमले के बाद रूस में इन मिसाइलों के इस्तेमाल का खतरा और बढ़ गया है। अगर रूस इन मिसाइलों का जवाबी कार्रवाई में इस्तेमाल करता है तो तबाही की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसी स्थिति में न सिर्फ यूक्रेन बल्कि पूरी मानव सभ्यता के अस्तित्व पर खतरा मंडरा सकता है।

रूस की प्रमुख घातक मिसाइलें और हथियार

रूस के पास कई तरह की घातक मिसाइलें और हथियार मौजूद हैं। बैलिस्टिक मिसाइलों में RS-28 सारमत (सैटन-2) के अलावा ‘टोचका-यू’ और ‘इस्कंदर-एम’ शामिल हैं। ये मिसाइलें दुश्मन के रणनीतिक ठिकानों और सैन्य केंद्रों को निशाना बनाने में सक्षम हैं। क्रूज मिसाइलों में ‘कालिबर’ और ‘ख-101’ हैं, जो समुद्र और हवा से दागी जाती हैं और सटीक हमले करती हैं। रूस के पास रणनीतिक और टैक्टिकल परमाणु हथियार भी हैं, जो युद्ध के दौरान भारी दबाव डालने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा हाइपरसोनिक मिसाइलें ‘अवनगार्ड’ और ‘किन्झाल’ हैं, जो बेहद तेज उड़ती हैं और मिसाइल सुरक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती हैं। रूस की फाइटर जेट्स जैसे सु-57 और सु-35 भी मिसाइल और बम चलाने में माहिर हैं। साथ ही भारी तोपखाना और मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम जैसे ‘तोसा-एम’ और ‘बारिस-एसएम-1’ भी रूस के सैन्य बल को मजबूत बनाते हैं।

रूस-यूक्रेन की इस बढ़ती तनातनी के बीच इन हथियारों और मिसाइलों की ताकत ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अगर कोई भी पक्ष अपने हथियारों का इस्तेमाल करता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर गंभीर होगा। इसलिए सभी को शांति बनाए रखने और बातचीत के जरिए इस संकट को सुलझाने की जरूरत है।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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