प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री Chirag Paswan अब बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि अब उनके बहनोई अरुण भारती ने भी इस पर अपनी राय दी है। अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि चिराग पासवान को विधानसभा चुनाव में सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। इससे पहले खुद चिराग पासवान कई बार यह इशारा कर चुके हैं कि वे बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं। पिछले हफ्ते ही चिराग पासवान ने हाजीपुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी।
अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा
अरुण भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जब नेता पूरे बिहार का है तो सीट का दायरा सीमित क्यों हो। उन्होंने आगे लिखा कि कार्यकर्ताओं की भी यही भावना है कि इस बार Chirag Paswan जी को आरक्षित सीट से नहीं बल्कि सामान्य सीट से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। अरुण भारती का मानना है कि अब चिराग पासवान सिर्फ एक समुदाय की नहीं बल्कि पूरे बिहार की उम्मीद बन चुके हैं। अरुण भारती खुद जमुई के सांसद हैं और चिराग के परिवार में उनका खास स्थान है। उनके बयान के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि क्या चिराग सच में विधानसभा चुनाव का मैदान सजाएंगे।
जब नेता पूरे बिहार का है, तो सीट का दायरा क्यों सीमित हो ?
कार्यकर्ताओं की यह भी भावना है कि इस बार @iChiragPaswan जी बिहार विधानसभा के चुनाव में किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें – चिराग पासवान अब सिर्फ़ एक समुदाय की नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं।
— Arun Bharti (@ArunBhartiLJP) June 1, 2025
हाजीपुर से सांसद और केंद्र में मंत्री हैं चिराग पासवान
चिराग पासवान वर्तमान में हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं और मोदी सरकार 3.0 में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान भी कहा जाता है क्योंकि उनकी पीएम मोदी से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। हर बार उनकी पीएम मोदी से मुलाकात गर्मजोशी भरी रहती है और यही वजह है कि केंद्र सरकार में चिराग को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। चिराग पासवान के राजनीतिक कद में हाल ही के लोकसभा चुनावों के बाद काफी इजाफा हुआ है।
लोकसभा चुनाव 2024 में चिराग का कद कैसे बढ़ा
चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने कुछ समय पहले अलग पार्टी बना ली थी और एनडीए में शामिल हो गए थे जिससे चिराग के गुट में कोई सांसद नहीं बचा था। इसके बाद चिराग ने कड़ी मेहनत की और खुद एनडीए में शामिल होकर अपने नेताओं के लिए टिकट हासिल किए। उन्होंने जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाई और अपनी पार्टी के पांच उम्मीदवारों को जीत दिलाई। इसके बदले में एनडीए सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। अब वे पीएम मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। ऐसे में उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना कम मानी जा रही थी लेकिन खुद चिराग और अब उनके बहनोई के इशारे से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा कि क्या चिराग सच में बिहार की राजनीति में नई पारी शुरू करेंगे।
