BSE Sensex: देश के सबसे पुराने और संवेदनशील शेयर बाजार सूचकांक BSE सेंसेक्स को हर साल दो बार संशोधित किया जाता है। इसमें जिन कंपनियों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहता, उन्हें बाहर किया जाता है और जो कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करती हैं, उन्हें शामिल किया जाता है। इस बार यह बदलाव जून महीने में होने वाला है। निवेशकों की नजर इस बदलाव पर टिकी हुई है क्योंकि यह मार्केट के मूड और निवेश के ट्रेंड को भी प्रभावित करता है।
सेंसेक्स से कौन-कौन सी कंपनियां बाहर हो सकती हैं?
एशिया इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार इंडसइंड बैंक और नेस्ले इंडिया जैसे बड़े नाम सेंसेक्स से बाहर हो सकते हैं। इंडसइंड बैंक इस समय डेरिवेटिव फ्रॉड के आरोपों का सामना कर रहा है, जिससे इसका प्रदर्शन प्रभावित हुआ है। वहीं, नेस्ले इंडिया भी अपने क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन के कारण सेंसेक्स की इस फेरबदल में बाहर हो सकती है। यह कदम बाजार की सच्चाई को दर्शाता है और खराब प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को संकेत देता है कि उन्हें सुधार करना होगा।
नई कंपनियां सेंसेक्स में शामिल हो सकती हैं
रिपोर्ट के मुताबिक, सेंसेक्स में दो बड़ी कंपनियां शामिल हो सकती हैं। पहली है टाटा ग्रुप की कंपनी ट्रेंट और दूसरी है रक्षा क्षेत्र की दिग्गज सार्वजनिक उपक्रम कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)। ये दोनों कंपनियां अपने-अपने क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और सेंसेक्स में शामिल होने के बाद उन्हें अधिक निवेशकों का ध्यान मिलेगा। इससे इन कंपनियों के शेयरों की मांग बढ़ेगी और निवेशकों के बीच विश्वास भी बढ़ेगा।
बीएसई के अन्य सूचकांकों में भी हो सकता है बदलाव
सेंसेक्स के साथ-साथ BSE के अन्य सूचकांक भी संशोधित किए जाएंगे। बैंकेक्स इंडेक्स में कैनरा बैंक बाहर हो सकता है और उसकी जगह IDFC फर्स्ट बैंक आ सकती है। इसके अलावा, BSE 100 इंडेक्स में भी बदलाव होने की संभावना है। इस सूचकांक से भारत फोर्ज, डाबर और सिमेंस बाहर हो सकते हैं। उनकी जगह डिक्सन टेक्नोलॉजी, कॉफोर्ज और इंडस टावर्स को शामिल किया जा सकता है। सूचकांक में शामिल होना कंपनियों के लिए बड़ा फायदेमंद होता है क्योंकि इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और मीडिया में उनकी चर्चा ज्यादा होती है। साथ ही, कई म्यूचुअल फंड्स सीधे उन शेयरों में निवेश करते हैं जो इंडेक्स का हिस्सा होते हैं।
