Apara Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष स्थान है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और हर महीने कृष्ण तथा शुक्ल पक्ष में दो बार मनाया जाता है। हर एकादशी का अपना अलग नाम और महत्व होता है। ज्येष्ठ मास में आने वाली एकादशी को अपर एकादशी कहा जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को अपार धन और जीवन के हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। इस बार अपर एकादशी 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। चलिए जानते हैं इस व्रत का मुहूर्त और पूजा का शुभ समय।
अपर एकादशी व्रत 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 मई दोपहर 1:12 बजे से प्रारंभ होकर उसी दिन रात 10:29 बजे समाप्त होगी। इस दिन अपर एकादशी का व्रत रखा जाएगा। व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:04 से 4:45 बजे तक रहेगा जो पूजा और व्रत आरंभ करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस व्रत के दौरान उपवास रखकर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है जिससे जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।
अपर एकादशी 2025 का पारणा समय और नियम
अपर एकादशी का पारणा 24 मई को किया जाएगा। पारणा का अर्थ होता है व्रत खोलना। इस दिन पारणा के लिए शुभ समय सुबह 6:01 से 8:39 बजे तक रहेगा। पारणा का समय द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले होना चाहिए, जो इस बार शाम 7:20 बजे तक है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाती है तो पारणा सूर्योदय के बाद करना अनिवार्य होता है। द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले पारणा न करना पाप माना जाता है। इसलिए पारणा के समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अपर एकादशी व्रत का आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ
अपर एकादशी व्रत भगवान विष्णु की आराधना के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति के सारे मनोकामना पूरी होती हैं। धन-दौलत में वृद्धि होती है और जीवन में कभी किसी चीज़ की कमी नहीं रहती। यह व्रत विशेष रूप से समृद्धि और सुख-शांति का वरदान देने वाला माना जाता है। इसलिए हर हिन्दू परिवार में इस व्रत का पालन श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है।
