Delhi School Fee Hike: दिल्ली में स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। इस मुद्दे पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि दिल्ली सरकार स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। केजरीवाल ने एक खबर साझा करते हुए लिखा, “दिल्ली सरकार कहां है? ये स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? दिल्ली सरकार माता-पिता और बच्चों के हितों की रक्षा क्यों नहीं कर रही? आखिर माता-पिता को अदालत का रुख क्यों करना पड़ रहा है?”
अरविंद केजरीवाल का DPS द्वारका से जुड़ा बयान
इससे पहले बुधवार 14 मई को अरविंद केजरीवाल ने DPS द्वारका से छात्रों के निकाले जाने पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि “आप की सरकार के दौरान कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई स्कूल छात्रों को निकाल सके। आप सरकार हमेशा छात्रों और माता-पिता की सुरक्षा के लिए खड़ी रही।” केजरीवाल ने यह साफ किया कि पूर्व की तरह अब भी छात्रों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार और माता-पिता की चिंताओं को गंभीरता से लेने की बात कही।
Where is Delhi govt? Why is it not taking action against these schools? Why is Delhi govt not protecting the interests of parents and children? Why do the parents have to go to courts? pic.twitter.com/CoWcl6kxAw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 15, 2025
सौरभ भारद्वाज ने BJP सरकार पर साधा निशाना
वहीं, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि “BJP सरकार इस मामले में पूरी तरह से मौन है। DPS द्वारका के माता-पिता को फिर से हाई कोर्ट के दरवाजे तक जाना पड़ा। याद रखिए हमने आपको पहले ही बताया था कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का भाजपा और इसके मुख्यमंत्री से कितना गहरा संबंध है।” भारद्वाज ने कहा कि यह रिश्ता स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी और छात्रों के खिलाफ कठोर कदमों को बढ़ावा देता है।
32 छात्रों के माता-पिता ने हाई कोर्ट का रुख किया
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) द्वारका के 32 छात्रों के माता-पिता ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने दलील दी है कि स्कूल ने बढ़ी हुई फीस न देने के कारण उनके बच्चों के नाम रोल से हटा दिए। वकील मनोज कुमार शर्मा के जरिए दायर याचिका में माता-पिता ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही स्कूलों को निर्देश दे चुका है कि वे फीस न देने वाले छात्रों के साथ दुर्व्यवहार या परेशान नहीं करें। बावजूद इसके स्कूलों द्वारा छात्रों को निकालने की यह कार्रवाई अवैध है। इस याचिका में स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी और छात्रों के अधिकारों की अनदेखी को मुद्दा बनाया गया है।
