Manish Sisodia: आतंकी देश से शांति कैसे? मनीष सिसोदिया ने उठाए मोदी सरकार पर बड़े सवाल!

Manish Sisodia: आतंकी देश से शांति कैसे? मनीष सिसोदिया ने उठाए मोदी सरकार पर बड़े सवाल!

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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता Manish Sisodia ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए अचानक सीज़फायर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई गंभीर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश पाकिस्तान को एक आतंकी देश मानकर एकजुट होकर खड़ा था, तब सरकार ने अचानक युद्धविराम क्यों घोषित कर दिया। उन्होंने पूछा कि जब भारत के सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए आतंकियों को सबक सिखाया तो फिर पाकिस्तान की विनती पर क्यों झुका गया। सिसोदिया ने कहा कि देश की जनता को इस फैसले का स्पष्ट कारण बताया जाना चाहिए।

पाहलगाम हमले की याद दिलाते हुए तीखे सवाल

Manish Sisodia ने अपने बयान में कहा कि जब पाकिस्तान के आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में हमला किया और हमारी बहनें folded hands के साथ उन्हें अपने सिंदूर को न छीनने की विनती कर रही थीं तब इन आतंकियों ने ज़रा भी रहम नहीं दिखाया। ऐसे में जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया तो अचानक सीज़फायर क्यों किया गया। उन्होंने सवाल किया कि जब पाकिस्तान हाथ जोड़कर शांति की बात कर रहा था तो उसके प्रधानमंत्री को बुलाकर 1971 जैसे किसी लिखित समझौते पर हस्ताक्षर क्यों नहीं कराए गए।

पीड़ितों को न्याय कौन देगा

सिसोदिया ने यह भी सवाल उठाया कि अचानक हुए इस सीज़फायर के बाद पहलगाम में मारे गए निर्दोष लोगों और उनके परिवारों को अब न्याय कैसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से कोई माफी या क्षतिपूर्ति की बात तक नहीं हुई है। ऐसे में जिन लोगों ने अपने परिवार के सदस्य खोए हैं या जिन पर अत्याचार हुआ है उन्हें जवाब कौन देगा। उन्होंने कहा कि देश को जानना है कि यह फैसला क्यों और किन हालात में लिया गया। क्या कोई अंतरराष्ट्रीय दबाव था या कोई राजनीतिक मजबूरी?

भारतीय सेना की तारीफ लेकिन फैसले पर आपत्ति

मनीष सिसोदिया ने भारतीय सेना की बहादुरी की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान के आतंकियों को करारा जवाब दिया। उनके ठिकानों और हथियारों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। पूरा देश सेना के साथ खड़ा था। लेकिन जिस तरह से सरकार ने अचानक युद्धविराम की घोषणा की उससे लोगों के मन में संदेह पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि देश को सरकार से पारदर्शिता की उम्मीद है और हर नागरिक चाहता है कि देश की सुरक्षा और न्याय के मुद्दों पर कोई समझौता न हो।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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