UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मंगलवार को 2025-26 के लिए ट्रांसफर नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। मंत्री खन्ना ने बताया कि इस ट्रांसफर नीति में वही प्रावधान होंगे जो पिछले साल लागू थे। यह नीति 15 मई से 15 जून तक एक महीने के लिए लागू रहेगी।
विशेष प्रावधानों का किया गया है समावेश
सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि इस नीति में एक विशेष प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जिलों और विकासात्मक ब्लॉकों में किसी भी स्थिति में कोई भी पद खाली नहीं रहेगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि इन जिलों और ब्लॉकों में विकास की गति बनी रहे और सभी महत्वपूर्ण पदों पर कर्मचारियों की तैनाती हो। इसके अलावा, कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश ग्लोबल कम्पेटेंस सेंटर नीति-2024 को भी मंजूरी दी है, जिससे राज्य में ग्लोबल कम्पेटेंस सेंटर (GCC) स्थापित किए जाएंगे।
ग्लोबल कम्पेटेंस सेंटर की स्थापना से होगा राज्य में विकास
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि ग्लोबल कम्पेटेंस सेंटर विभिन्न सेवा क्षेत्रों जैसे सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं, वित्त और लेखा, मानव संसाधन और कस्टमर सपोर्ट में संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों ने भारत में प्रमुख क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाई है। इन सेक्टरों में सॉफ़्टवेयर और प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा, टेलीकम्युनिकेशन और नेटवर्किंग, मीडिया, मनोरंजन और सेमीकंडक्टर्स, फार्मास्युटिकल्स और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में GCC की स्थापना से राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा और यह सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं, परामर्श और इंजीनियरिंग में विशेष लाभ प्रदान करेगा।
राज्य के विकास में मदद करेगा यह नीति
खन्ना ने कहा कि यह नीति उत्तर प्रदेश के पहले, दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरों के विकास में भी मदद करेगी। इस नीति के तहत, विभिन्न सहायता योजनाओं का प्रावधान किया गया है जिसमें भूमि सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी में छूट या रिफंड, पूंजी सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, भर्ती सब्सिडी, कर्मचारी भविष्य निधि, कौशल विकास और बौद्धिक संपदा अधिकारों की सब्सिडी शामिल हैं। इसके अलावा, विशेष परिस्थितियों में गैर-आर्थिक सहायता की भी व्यवस्था की गई है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में उद्योगों को आकर्षित करना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
