Haryana News: हरियाणा की राजनीति में बड़ा झटका तब लगा जब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह चौक्कर को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी दीन दयाल आवास योजना से जुड़े एक बड़े आर्थिक घोटाले के सिलसिले में हुई है। धर्म सिंह चौक्कर और उनकी कंपनी पर करीब 1500 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। ईडी इस मामले में लंबे समय से जांच कर रही थी और आखिरकार शनिवार को कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में रखा कदम
धर्म सिंह चौक्कर की राजनीतिक यात्रा भी काफी दिलचस्प रही है। पहले वह पुलिस विभाग में नौकरी करते थे लेकिन बाद में उन्होंने सेवा छोड़ दी और अपने भाई इंदर सिंह चौक्कर की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजनीति में कदम रखा। इंदर सिंह चौक्कर ने वर्ष 2000 में पुलिस की नौकरी छोड़ी और पहले INLD में शामिल हुए। जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बाद में हरियाणा जनहित कांग्रेस (HJC) से जुड़ गए। उनके निधन के बाद 2008 में धर्म सिंह चौक्कर ने राजनीति में एंट्री ली।
समालखा से दो बार बन चुके हैं विधायक
धर्म सिंह चौक्कर पहली बार HJC के टिकट पर समालखा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और कांग्रेस उम्मीदवार संजय चौक्कर को हराकर विधायक बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली। हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार के बाद भी राजनीति से दूरी नहीं बनाई और पूरे पांच साल अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय बने रहे। इसी मेहनत का फल उन्हें 2019 के चुनाव में मिला जब उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार शशिकांत कौशिक को हराकर दोबारा विधायक बनने में सफलता हासिल की।
अब 1500 करोड़ के घोटाले में फंसे धर्म सिंह
अब वही धर्म सिंह चौक्कर एक बड़े वित्तीय घोटाले में फंस गए हैं। दीन दयाल आवास योजना में कथित गड़बड़ियों के चलते ईडी ने उनके और उनकी कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। जांच में कई अहम दस्तावेज और साक्ष्य सामने आने के बाद शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी अब इस मामले में उनसे पूछताछ कर रही है और जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस गिरफ्तारी से हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई है और कांग्रेस को भी इसका जवाब देना पड़ सकता है।
