Baba Shivanand Death: वाराणसी के प्रसिद्ध योग गुरु और पद्मश्री बाबा शिवानंद महाराज का 30 अप्रैल को निधन हो गया। वे 129 वर्ष के थे और उनका इलाज वाराणसी के सिर सुंदरलाल अस्पताल में चल रहा था। बाबा शिवानंद का निधन उनके लंबी उम्र और योग साधना के लिए प्रसिद्ध था। वे कबीर नगर, वाराणसी के निवासी थे और पूरे देश में अपनी लंबी उम्र और रोजाना की योग दिनचर्या के लिए प्रसिद्ध थे।
PM मोदी ने व्यक्त किया शोक
बाबा शिवानंद के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, “योग साधक और काशी निवासी बाबा शिवानंद जी के निधन पर गहरा दुख हुआ। उनका जीवन जो योग और साधना को समर्पित था, हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। समाज सेवा में योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। बाबा शिवानंद का शिवलोक जाना हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं इस दुख की घड़ी में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
योग साधक और काशी निवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। योग के जरिए समाज की सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था।
शिवानंद बाबा का शिवलोक प्रयाण हम सब काशीवासियों और उनसे… pic.twitter.com/nm9fI3ySiK
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2025
कौन थे शिवानंद बाबा?
स्वामी शिवानंद बाबा, जो बाबा शिवानंद के नाम से प्रसिद्ध थे, एक प्रसिद्ध योग गुरु थे और उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को पूर्वी बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) के श्रीहट्टा जिले में हुआ था। उनकी उम्र 128-129 वर्ष मानी जाती थी, जिससे उन्हें दुनिया के सबसे पुराने व्यक्तियों में गिना जाता था। बाबा शिवानंद को 2022 में भारत सरकार ने योग और समाज सेवा के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था, और इस तरह वह इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गए थे।
कठिन बचपन और योग की शिक्षा
बाबा शिवानंद का बचपन बहुत कठिनाइयों में बीता था। केवल 6 साल की उम्र में उनके माता-पिता और बहन की भूख से मौत हो गई थी। इसके बाद, उन्होंने बाबा ओंकारानंद गोस्वामी के मार्गदर्शन में योग और आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त की। उनका जीवन योग साधना और तपस्या के प्रति अडिग था, और उन्होंने अपने जीवन में योग को पूरी तरह से अपनाया। उनका दर्शन और उनकी साधना लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। बाबा शिवानंद के द्वारा की गई समाज सेवा और उनके योग के कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा।
