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Javed Akhtar का दावा: कश्मीर के दिल में है भारत, पाकिस्तान की चाल नाकाम

Javed Akhtar का दावा: कश्मीर के दिल में है भारत, पाकिस्तान की चाल नाकाम

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Javed Akhtar का दावा: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसारन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 बेगुनाह पर्यटक मारे गए। इस हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। आम जनता से लेकर नेता और कलाकार तक इस घटना की निंदा कर रहे हैं। सेना और सरकार दोनों एक्शन मोड में हैं। सीमा पर तनाव बढ़ गया है और भारतीय सेना को पूरी छूट दे दी गई है। इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में आतंकवाद के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। बीते दिनों में सुरक्षाबलों ने कई आतंकियों के घर गिरा दिए हैं और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

जावेद अख्तर ने पाकिस्तान के झूठे प्रचार पर दिया करारा जवाब

इस हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से लगातार झूठा प्रचार और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इसी बीच गीतकार जावेद अख्तर ने पाकिस्तान की साजिशों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की सत्ता, मौलवी और सेना ये प्रचार करते हैं कि कश्मीरी दिल से पाकिस्तानी हैं और भारत ने जबरदस्ती उन्हें कब्जे में रखा है। ये सब झूठ है।” उन्होंने 1948 के हमले की बात करते हुए कहा कि जब पाकिस्तान ने हमला किया था तो स्थानीय कश्मीरियों ने ही उन्हें 3 दिन तक रोके रखा था और फिर भारतीय सेना पहुंची थी। जावेद अख्तर ने कहा कि असलियत यह है कि कश्मीरी भारत से अलग नहीं रह सकते।

कश्मीरी हमारे हैं, उन्हें पाकिस्तान से जोड़ना सबसे बड़ी मूर्खता

जावेद अख्तर ने आगे कहा कि जो लोग भारत के किसी कोने में किसी कश्मीरी छात्र या कामगार पर हमला करते हैं, वे जाने-अनजाने पाकिस्तान की बातों को सही साबित करते हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप मसूरी में काम कर रहे किसी कश्मीरी को या दक्षिण भारत में पढ़ाई कर रहे किसी छात्र को पाकिस्तानी समझते हैं तो आप वही कह रहे हैं जो पाकिस्तानी मौलवी और सेना कहती है। यह बहुत बड़ी गलती है। किसी भी कश्मीरी को भारत के किसी भी कोने में पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्हें यह महसूस कराया जाना चाहिए कि वे हमारे अपने हैं। हम भाई हैं और कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”

पर्यटन पर पड़ा असर, लेकिन कश्मीरियों की वफादारी पर नहीं उठे सवाल

जावेद अख्तर ने यह भी कहा कि इस आतंकी हमले का सबसे बड़ा नुकसान कश्मीरियों को ही हुआ है क्योंकि वहां का पर्यटन उनकी जीवनरेखा है और इस हमले से पर्यटन पर सीधा असर पड़ा है। उन्होंने कहा, “कश्मीरियों की भारत के प्रति वफादारी पर कोई शक नहीं होना चाहिए। 90 से 99 प्रतिशत कश्मीरी भारत के प्रति निष्ठावान हैं।” उनका संदेश साफ था कि आतंकियों की हरकतों का जवाब जरूर दिया जाना चाहिए लेकिन आम कश्मीरी को शक की नजर से देखना बिल्कुल गलत होगा। इस वक्त देश को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़ा होना चाहिए न कि अपने ही नागरिकों को शक की निगाह से देखना चाहिए।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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