Delhi News: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन के खिलाफ एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने मामला दर्ज किया है। यह मामला सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के स्कैम से संबंधित है। एसीबी के मुताबिक यह स्कैम लगभग 2,000 करोड़ रुपये का है। यह स्कैम 12,748 कक्षाओं और संबंधित भवनों के निर्माण से जुड़ा हुआ है, जो आम आदमी पार्टी के शासनकाल में हुआ था। एसीबी ने यह मामला उस समय दर्ज किया जब उसे भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17-A के तहत सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति प्राप्त हुई। एसीबी ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट में काफी अनियमितताएं और लागत में बढ़ोतरी पाई गई है।
स्कैम की जांच और भ्रष्टाचार के आरोप
एसीबी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। बताया गया कि कंसल्टेंट्स और आर्किटेक्ट्स को बिना निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए नियुक्त किया गया था। इन अनियमित रूप से नियुक्त कंसल्टेंट्स के जरिए खर्च में बढ़ोतरी की गई, जिससे बजट भी बढ़ा। एसीबी ने कहा कि पूरे प्रोजेक्ट में एक भी काम निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा नहीं हुआ। इस मामले में मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन पहले से ही अन्य भ्रष्टाचार मामलों की जांच का सामना कर रहे हैं। सिसोदिया पहले ही दिल्ली शराब नीति केस में सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं, जबकि जैन को पहले मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था।
आरोपों में क्या है?
मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने कक्षाओं के निर्माण के लिए तय की गई लागत से 5 गुना अधिक खर्च किया। इसके अलावा, दोनों नेताओं पर यह आरोप भी है कि उन्होंने 34 ठेकेदारों को काम सौंपा, जिनमें से अधिकांश ठेकेदार आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे। आरोप है कि सिसोदिया और जैन ने केंद्रीय Vigilance Commission (CVC) की रिपोर्ट को तीन साल तक दबाए रखा और काम समय पर पूरा नहीं किया। यह प्रोजेक्ट जून 2016 तक पूरा होना था, लेकिन समयसीमा और लागत दोनों ही उल्लंघन किए गए हैं। इन नेताओं पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अनुबंध की मूल लागत को अत्यधिक बढ़ा दिया।
जांच की दिशा और आगे की कार्रवाई
यह मामला एसीबी की ओर से दर्ज किया गया है, और जांच जारी है। एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिनमें सरकारी धन का दुरुपयोग और अनुशासनहीनता शामिल है। आगामी दिनों में और भी जानकारी सामने आने की संभावना है। इस मामले के साथ-साथ मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन की अन्य जांचों पर भी नजर बनी हुई है। फिलहाल, इस मामले में सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।
