Firecracker Factory Blast: शनिवार सुबह मुजफ्फरनगर-शाहबाद राज्य मार्ग पर जदौदा जाट के पास एक आतिशबाजी फैक्ट्री में जबरदस्त विस्फोट हुआ। इस हादसे में कई मजदूरों की मौत हो गई। विस्फोट इतना जोरदार था कि उसकी आवाज आसपास के गांवों में भी सुनाई दी। जैसे ही गांववाले घटना स्थल पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि फैक्ट्री के पास शव के टुकड़े आधे किलोमीटर तक बिखरे पड़े थे। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे को जाम कर दिया।
घटना स्थल पर पहुंचे DM और SSP, लोगों का गुस्सा झेला
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी मनीष बंसल और एसएसपी रोहित सिंह सजवान भी घटना स्थल पर पहुंचे। लेकिन जब वह मौके पर पहुंचे तो उन्हें भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फैक्ट्री में अधिक मात्रा में बारूद रखा गया था। इसके अलावा, उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि विस्फोट के बाद फैक्ट्री संचालक क्यों भाग गया।
10 से ज्यादा मजदूर काम कर रहे थे, मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है
घटना के समय फैक्ट्री में करीब 10 मजदूर काम कर रहे थे। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि मजदूरों के शव के टुकड़े फैक्ट्री से 500 मीटर दूर तक बिखर गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यहां पर अधिक मात्रा में प्रतिबंधित पटाखे बनाए जा रहे थे, जबकि फैक्ट्री संचालकों ने केवल अनार और Fuljhadi बनाने की अनुमति ली थी। डीएम मनीष बंसल और देहात थाना पुलिस ने हादसे में तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि मौतों की संख्या 10 से ज्यादा है।
फॉरेंसिक टीम और SDRF की टीम मौके पर पहुंची
घटनास्थल से फॉरेंसिक टीम ने सबूत एकत्रित किए हैं। साथ ही, गाज़ियाबाद से SDRF की टीम भी बुला ली गई है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रताप सिंह ने बताया कि फैक्ट्री संचालकों ने केवल अनार और Fuljhadi बनाने की अनुमति ली थी, लेकिन इसके तहत प्रतिबंधित पटाखे बनाए जा रहे थे। इस घटना के बाद लोगों में गुस्से की लहर है और घटना की पूरी जांच की मांग हो रही है।
लोगों की बढ़ती चिंता और प्रशासन की नाकामी
इस हादसे के बाद क्षेत्रीय लोग प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और दमकल विभाग की लापरवाही के कारण ही यह दुर्घटना घटी। अब ग्रामीण यह चाहते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
