Pahalgam Terror Attak: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कर्नल के लेफ्टिनेंट विनय कुमार (26) की दर्दनाक हत्या हो गई। विनय कुमार, जो कि करनाल के रहने वाले थे, ने 16 अप्रैल को मुस्सोरी में हिमांशी से शादी की थी। शादी के बाद 19 अप्रैल को रिसेप्शन हुआ था और दो दिन पहले ही ये नवविवाहित जोड़ा हनीमून पर जम्मू और कश्मीर गया था। विनय के परिवार के लिए यह समय बेहद कष्टकारी है, खासतौर पर उनके पिता राजेश कुमार के लिए, जो पानिपत में जीएसटी विभाग में सुपरिटेंडेंट के रूप में कार्यरत हैं।
हिमांशी ने आतंकवादियों के निशाने से बचकर जान बचाई
यह एक अजीब संयोग था कि हिमांशी, विनय की पत्नी, आतंकवादी हमले के दौरान निशाने पर आने से बच गईं। घटना की जानकारी जैसे ही हिमांशी को मिली, उसने तुरंत फोन के माध्यम से परिवार को सूचित किया और उन्हें इस भयानक घटना के बारे में बताया। इसके बाद उनका परिवार रात के समय जम्मू के लिए रवाना हो गया। हिमांशी दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं और उनके पिता सुनील कुमार हरियाणा सरकार में अधिकारी हैं।
विनय कुमार की शहादत और उनका परिवार
विनय कुमार, जो अपने परिवार के एकलौते बेटे थे, ने तीन साल पहले भारतीय नौसेना में भर्ती होने के बाद कोच्चि में पोस्टिंग प्राप्त की थी। वे हाल ही में अपनी शादी के लिए अवकाश पर आए थे। विनय का जन्मदिन 1 मई को था और अब यह दिन उनके परिवार के लिए हमेशा एक दुखद याद के रूप में रहेगा। विनय के परिवार का मूल निवास स्थान करनाल जिले के भुसली गांव में है, हालांकि उनका परिवार वर्तमान में सेक्टर-7, करनाल में रह रहा था। विनय की बहन सृष्टि, जो खुद भी जम्मू रवाना हुईं, इस समय अपने भाई की मौत की खबर से बुरी तरह आहत हैं।
आतंकी हमले में मारे गए अन्य व्यक्तियों की पहचान
पहलगाम आतंकवादी हमले में कुल 20 लोग मारे गए हैं, जिनमें से कुछ की पहचान हो चुकी है। मारे गए लोगों में विनय कुमार (कर्नल), मनजूनाथ (कर्नाटका), शुभम द्विवेदी (कानपुर), दिलीप जयराम (महाराष्ट्र), संदीप नेवपाने (नेपाल), बिटन अधिकारी, उदवानी प्रदीप कुमार (संयुक्त अरब अमीरात), अतुल श्रीकांत मोने (महाराष्ट्र), संजय लखन लेले (महाराष्ट्र), सैयद हुसैन शाह (अंतनाग), हिम्मत भाई (गुजरात), प्रशांत कुमार (गुजरात), मनीष रंजन (बिहार), एन रामचंद्रन (केरल), शैलेन्द्र काल्पिया, शिवम मोगा (कर्नाटका), सुनील नाथानी (इंदौर), नीरज उदवानी, दिनेश अग्रवाल (रायपुर, छत्तीसगढ़), और प्रशांत सतपथी (ओडिशा) शामिल हैं। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है और यह एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संदेश दे रहा है।
यह घटना न केवल एक आतंकवादी हमले का शिकार हुई हत्याओं की दुखद सूची का हिस्सा है, बल्कि एक ऐसे जवान की शहादत भी है जिसने अपनी जान गंवाने से पहले अपने जीवन के सबसे खुशनुमा पल बिताए थे। हिमांशी और विनय की शादी का सपना इस आतंकवादी हमले में चकनाचूर हो गया। अब यह मामला न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरी शोक और चिंता का कारण बन चुका है।
