Drugs Smuggling Case: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ‘ऑपरेशन क्लीन स्वीप’ चलाकर ड्रग्स की दुनिया में खलबली मचा दी है। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने 10 बड़े और कुख्यात ड्रग्स तस्करों को धर दबोचा है। इनके पास से 1667 ग्राम हाई क्वालिटी अफगानी हेरोइन और 130 ग्राम संदिग्ध ड्रग्स बरामद किए गए हैं। साथ ही इनके पास से करीब 10 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का भी खुलासा हुआ है। ये गिरोह मोबाइल फोन व्हाट्सएप चैट्स और यहां तक कि ऑनलाइन गेम्स जैसे PUBG के ज़रिए भी नशे का कारोबार चला रहा था। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह भारत के हर कोने में ड्रग्स की सप्लाई कर रहा था और पाकिस्तान व अफगानिस्तान के नार्को-आतंकियों से भी इनका कनेक्शन जुड़ा हुआ था।
जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक फैला था नशे का जाल
इस मामले की शुरुआत 9 फरवरी को हुई जब पुलिस की पकड़ में कश्मीर का रहने वाला फ़हीम फारूक आया। उसके पास से एक किलो हेरोइन और 1.65 लाख रुपये बरामद किए गए। पुलिस ने जब उससे गहराई से पूछताछ की तो पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे-वैसे सामने आया कि इस पूरे गैंग की मास्टरमाइंड एक महिला है जिसका नाम शाजिया पीर है। शाजिया दिल्ली के पॉश इलाके जंगपुरा एक्सटेंशन में रहती थी और वहीं से पूरे नशे के कारोबार को चला रही थी। शाजिया कोई मामूली तस्कर नहीं बल्कि ड्रग्स की क्वीन निकली जिसके अफगानिस्तान पाकिस्तान अमेरिका और यूके तक नेटवर्क फैले हुए हैं।
बच्चों को बना रही थी ड्रग्स कैरियर, PUBG गेम से हो रही थी डीलिंग
शाजिया पीर और फ़हीम फारूक के बीच की व्हाट्सएप चैट ने पुलिस को चौंका दिया। दोनों बच्चों को ड्रग्स कैरियर बनाने की योजना पर काम कर रहे थे। प्लान था कि कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर से बच्चों के ज़रिए हेरोइन दिल्ली मंगाई जाएगी। इसी बीच मुरथल के ढाबे से ड्रग्स की डिलीवरी देने वाला हरि नामक व्यक्ति भी गिरफ्तार किया गया। लेकिन जांच में पता चला कि असली नाम परमिंदर सिंह उर्फ पप्पू है जो पहले से ही कई मामलों में वांछित था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज फोन ट्रैकिंग और फील्ड सर्विलांस की मदद से उसे लुधियाना से गिरफ्तार किया। इसके बाद जश्नप्रीत सिंह उर्फ जश्न को पकड़ा गया जिसने PUBG गेम के ज़रिए ड्रग्स डीलिंग की बात कबूली। उसका सीधा संपर्क पाकिस्तान से जुड़े ड्रग्स तस्करों से था।
हर गिरफ्तारी से खुलता गया राज, 10 करोड़ की संपत्ति पर शिकंजा
इस केस में जितनी भी गिरफ्तारियां हुईं उन्होंने एक के बाद एक नए रहस्यों से पर्दा उठाया। जावेद दिल्ली में ड्रग्स बेचता था जबकि पंजाब से सलविंदर उर्फ गोरा और सोनू उसे नशे की खेप भेजते थे। रवि शेर सिंह और मंजींदर से भी बड़ी मात्रा में हेरोइन बरामद हुई। जश्नप्रीत एक ऐसा ड्रग्स डीलर निकला जो बेहद खतरनाक नेटवर्क चला रहा था। केवल नशे का कारोबार ही नहीं बल्कि इन आरोपियों की दिल्ली और पंजाब में फैली करीब 10 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियों का भी खुलासा हुआ है। अब इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने भी जांच शुरू कर दी है ताकि ड्रग्स और हवाला नेटवर्क दोनों पर एक साथ शिकंजा कसा जा सके।
