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Buerger’s Disease: बीड़ी-सिगरेट से नसें हो जाती हैं बंद, धीरे-धीरे खत्म हो जाता है शरीर का हिस्सा

Buerger’s Disease: बीड़ी-सिगरेट से नसें हो जाती हैं बंद, धीरे-धीरे खत्म हो जाता है शरीर का हिस्सा

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Buerger’s Disease: तंबाकू और सिगरेट सेहत के लिए कितने खतरनाक हैं यह तो सब जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इनके सेवन से एक ऐसी बीमारी हो सकती है जिसमें इंसान को अपने हाथ या पैर गंवाने तक पड़ सकते हैं। इस बीमारी का नाम है Buerger’s Disease। इस बीमारी को मेडिकल भाषा में थ्रोम्बोएंजाइटिस ऑब्लाइटेरन्स कहा जाता है। इस बीमारी में हाथ और पैरों की नसों में सूजन आ जाती है और खून का बहाव धीरे-धीरे रुक जाता है। इससे अंगों में सुन्नपन महसूस होता है जलन होती है और कई बार तो अंग सड़ने तक की नौबत आ जाती है।

Buerger’s Disease का असली कारण क्या है

इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण तंबाकू है। करीब 90 फीसदी मामलों में देखा गया है कि तंबाकू सेवन करने वालों को ही यह बीमारी होती है। चाहे सिगरेट हो बीड़ी हो गुटखा हो या पान मसाला इनमें मौजूद निकोटिन शरीर की रक्त नलिकाओं को खराब कर देता है। आजकल यह बीमारी युवाओं में ज्यादा देखी जा रही है क्योंकि बहुत कम उम्र में ही वे सिगरेट या तंबाकू की लत में पड़ जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15 साल या उससे अधिक उम्र के करीब 25 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। यही वजह है कि भारत में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

Buerger’s Disease: बीड़ी-सिगरेट से नसें हो जाती हैं बंद, धीरे-धीरे खत्म हो जाता है शरीर का हिस्सा

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

अगर आपके हाथ या पैरों में बार-बार ठंडक महसूस होती है या चलते समय पिंडलियों या पैरों की उंगलियों में दर्द होता है तो यह लक्षण Buerger’s Disease के हो सकते हैं। पैरों की उंगलियों में सूजन होना या घाव बन जाना भी इसका संकेत हो सकता है। कुछ मरीजों को नसों में झनझनाहट या दर्द महसूस होता है और धीरे-धीरे पैरों का रंग बदलने लगता है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो ये घाव या जख्म पक जाते हैं और संक्रमण इतना बढ़ सकता है कि डॉक्टर को अंग काटना पड़ता है। बीमारी गंभीर होने पर इससे जान का भी खतरा हो सकता है।

कैसे बचा जा सकता है इस गंभीर बीमारी से

Buerger’s डिज़ीज से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है तंबाकू से दूरी बनाना। अगर आप सिगरेट या गुटखा छोड़ना चाहते हैं तो निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है जिससे तंबाकू की लत को छोड़ा जा सकता है। इसके अलावा नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं और अगर हाथ-पैरों में कोई चोट या घाव हो तो उसे नजरअंदाज न करें। पैरों को साफ और सुरक्षित रखें और ठंडी जगहों से बचें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं जिसमें संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि शामिल हो। याद रखें कि यह बीमारी एक बार हो जाए तो ठीक होना मुश्किल हो जाता है इसलिए इससे बचना ही सबसे अच्छा इलाज है।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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