Bihar Elections 2025: बिहार में महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर लंबे समय से जो असमंजस बना हुआ है वह इंडिया अलायंस की बैठक के बाद भी खत्म नहीं हो सका। माना जा रहा था कि बैठक के बाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब बिहार की सियासत में यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर तेजस्वी को लेकर साफ ऐलान क्यों नहीं किया गया। जबकि तेजस्वी को सभी चुनावी जिम्मेदारियां पहले ही दी जा चुकी हैं।
आरजेडी का दावा: तेजस्वी ही हमारे मुख्यमंत्री चेहरा हैं
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने साफ किया है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पहले से हैं। उन्होंने बताया कि तेजस्वी 2020 से ही महागठबंधन के सीएम फेस हैं और उन्होंने इस बार भी सभी चुनावी फैसले लेने के अधिकार प्राप्त कर लिए हैं। शक्ति यादव ने कहा कि तेजस्वी को लेकर सवाल उठाना ऐसे ही है जैसे कोई सूरज के पूरब से निकलने पर सवाल उठाए।
महिला वोटर्स को लुभाने की कोशिश में नीतीश कुमार
नीतीश कुमार द्वारा शुरू किए गए ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम पर आरजेडी ने तंज कसते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ तेजस्वी की ‘माई बहन मान योजना’ की प्रतिक्रिया में लाया गया है। शक्ति यादव ने बताया कि तेजस्वी ने कार्यकर्ता दर्शन यात्रा के दौरान ही महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता की योजना की घोषणा कर दी थी जिसमें जीविका दीदियों को 15 हजार रुपये सीधे सरकारी खाते से देने की बात कही गई थी। इसी से घबराकर सरकार ने महिला संवाद का सहारा लिया है।
जेडीयू में भी चल रही है अंदरूनी खींचतान: RJD का दावा
आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने दावा किया कि जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन ज्यादा दिन टिकेगा नहीं। उन्होंने कहा कि जेडीयू में दो गुट बन चुके हैं। एक गुट बीजेपी समर्थक है जबकि दूसरा समाजवादी सोच वाला है जो बीजेपी के साथ जाने को तैयार नहीं है। शक्ति यादव ने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार अब खुद भी भ्रमित हैं और अधिकारी उन्हें व्यस्त रखने के लिए जिलों में घुमा रहे हैं। उन्होंने नीतीश सरकार से यह भी सवाल किया कि अब तक महिलाओं के लिए कौन सी योजना वास्तव में लाभकारी रही है।
बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव को लेकर अभी भी स्पष्टता नहीं है लेकिन आरजेडी का दावा है कि वे ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहेंगे। वहीं नीतीश सरकार को महिला योजनाओं और गठबंधन को लेकर लगातार विपक्ष से घेराबंदी का सामना करना पड़ रहा है। आगामी चुनावों में यह टकराव और तेज होने की संभावना है।
