Singapore Fire: सिंगापुर में एक सरकारी इमारत में 8 अप्रैल को लगी भीषण आग के दौरान भारतीय प्रवासियों ने अद्भुत साहस का परिचय दिया। अपनी जान की परवाह किए बिना इन भारतीयों ने कम से कम 10 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। इन बच्चों में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के आठ वर्षीय बेटे मार्क शंकर पवनोविच भी शामिल थे। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही भारतीयों ने बच्चों को बचाकर बड़ा कारनामा कर दिखाया।
बिना देर किए उठाया कदम, बचाई 10 मासूम जानें
जब तीसरी मंजिल की खिड़की से धुआं निकलता दिखाई दिया और बच्चों की चीखें सुनाई दीं, तो पास में काम कर रहे भारतीय मजदूरों ने बिना समय गंवाए पास की मचान और सीढ़ी उठाकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। देखते ही देखते उन्होंने 10 बच्चों को महज 10 मिनट में बाहर निकाल लिया। इस दौरान एक ऑस्ट्रेलियाई बच्ची, जिसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
बहादुर भारतीयों को मिला सम्मान
भारतीय प्रवासियों—इंद्रजीत सिंह, सुब्रमण्यम सरनराज, नागराजन अन्बरासन और शिवासामी विजयराज—को सिंगापुर के मानव संसाधन मंत्रालय के ACE ग्रुप ने ‘फ्रेंड्स ऑफ ACE’ कॉइन देकर सम्मानित किया। मंत्रालय ने कहा, “इनकी सूझबूझ और साहस ने बड़ा फर्क पैदा किया। इन्होंने हमें संकट के समय समुदाय की ताकत की याद दिलाई।”
“ये बच्चे हमारे भी हो सकते थे” – भावुक हुए भारतीय
तमिलनाडु के रहने वाले सुब्रमण्यम सरनराज ने कहा, “हमने बच्चों के चेहरे पर कालिख, खांसी और घबराहट देखी। हम खुद भी बच्चों के पिता हैं, क्या हम अपने बच्चों को यूं छोड़ सकते थे?” साथी नागराजन अन्बरासन ने भी यही भाव जताया। उन्होंने कहा, “हमारे पास कोई सुरक्षा उपकरण नहीं था, बिल्डिंग का रास्ता भी पता नहीं था, इसलिए खिड़की से ही अंदर घुसे।” इस आग की घटना में 22 लोग फंसे थे, जिनमें 16 बच्चे और 6 वयस्क शामिल थे। जांच में बिल्डिंग में फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी भी पाई गई है।
