UP News: 16वें केंद्रीय वित्त आयोग की टीम के आगामी राज्य दौरे के दौरान, उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की योजना बना रही है। प्राथमिक चिंता केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में वृद्धि की मांग होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से का निर्धारण करते समय वन क्षेत्र को ध्यान में रखने वाले नियम को समाप्त करने का प्रस्ताव कर सकती है। यह नियम उत्तर प्रदेश के लिए नुकसानदेह रहा है, क्योंकि इसका कम वन क्षेत्र केंद्रीय कर पूल में राज्य का हिस्सा कम है।
केंद्रीय वित्त आयोग जून में उत्तर प्रदेश का दौरा करेगा
केंद्रीय वित्त आयोग की टीम का चार दिवसीय दौरा जून 2025 में 3 से 6 जून तक निर्धारित है। इस दौरान आयोग राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेगा। इनमें से दो दिन लखनऊ में बैठकों के लिए समर्पित होंगे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आयोग के समक्ष राज्य की मांगों को प्रस्तुत करेंगे। चर्चा उत्तर प्रदेश की वित्तीय आवश्यकताओं और राज्य को केंद्रीय संसाधनों से बेहतर लाभ कैसे मिल सकता है, इस पर केंद्रित होगी।
यात्रा के लिए वित्तीय प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं
उत्तर प्रदेश वित्त विभाग पहले से ही एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है जो राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं को रेखांकित करेगा। चर्चा के मुख्य विषयों में से एक केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी में वृद्धि होगी, एक ऐसा मामला जिसे अन्य राज्यों ने भी आयोग के समक्ष उठाया है। चर्चा में राज्य की अर्थव्यवस्था और केंद्रीय संसाधनों के वितरण को शामिल किए जाने की उम्मीद है। राज्य सरकार आयोग को यह समझाने की उम्मीद करती है कि उत्तर प्रदेश को बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से संबंधित अपनी विशिष्ट वित्तीय चुनौतियों के कारण अधिक हिस्सेदारी की आवश्यकता है।
अरविंद किंगडम के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त आयोग की टीम
इस यात्रा का नेतृत्व 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया करेंगे, साथ ही चार सदस्यीय टीम और उनके सहयोगी कर्मचारी भी होंगे। आयोग का उत्तर प्रदेश का दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब राज्य विकास संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है और उसे अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। इन बैठकों से राज्य को केंद्रीय निधियों के अधिक न्यायसंगत वितरण के लिए अपना पक्ष रखने के लिए एक मंच मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा उत्तर प्रदेश की दीर्घकालिक वित्तीय जरूरतों के बारे में चर्चा के लिए भी मंच तैयार करेगी, जो देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में से एक है।
